जीवन की नदी
"जीवन की नदी"
जीवन की इस नदी में मैं,
अविरल यूं हीं बहती चलूं
न रुकूं कहीं
न थकूं कहीं
एक नदी के जैसे मैं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
न डरूं कभी अवसाद से
न किसी भी भ्रम में रहूं
हर प्रश्न का उत्तर में दूं
प्रज्ञान की कुंजी बनूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
जीवन की इस नदी में मैं
अविरल यूं ही बहती चलूं
हो परे प्रारब्ध से
कर्म पथ पर बढ़ चलूं
न डगमगाऊं मैं कभी
न हीं कभी भयभीत हूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
चलूं मैं साथ वक्त के
हर सभ्य से कुछ ज्ञान लूं
जीवन की इस अविनाशिता को
एक दिन पहचान लूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
जीवन की इस नदी में मैं
अविरल यूं ही बहती चलूं
जीवन के इस पड़ाव में
एक रौशनी बनके चलूं
जिसकी चमक चहुं ओर हो
ऐसा मैं इक दिया बनूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
स्मृतियों को ले साथ में
पावनता का एहसास ले
मुश्किलों को कर परे
आगे यूं ही बढ़ती रहूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
जीवन की इस नदी में मैं
अविरल यूं ही बहती चलूं
सम्मान का मोह त्याग कर
संस्कारों को लेके संग
स्वाभिमान से आगे बढूं
मंजिल को अपनी पा सकूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
न ईर्ष्या की कोई बात हो
न द्वेष कोई साथ हो
न मन में कुविचार हों
बस यूं ही बढ़ती रहूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं
जीवन की इस नदी में मै
अविरल यूं ही बहती चलूं
उन्मुक्त सी चलती चलूं !!
कविता गौतम...✍️
#हिंदी दिवस प्रतियोगिता
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 06:41 PM
हर प्रश्न का उत्तर में दूँ वाली लाइन में मैं होगा क्या हर प्रश्न का उत्तर मैं दूँ,,,, देख लें
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Sep-2022 06:40 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ,,, its outstanding beyond the thoughts
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fiza Tanvi
24-Sep-2022 03:07 PM
Sunder
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